Tuesday 18 November 2014

Names 601 to 700



(601) दरान्दोलितदीर्घाक्षी - धीरेसे डोलती हुई  बडी आखोंवाली मा ।
(602) दरहसोज्ज्वलन्मुखी - हास्यसे उज्ज्वल मुखवाली मा ।
(603) गुरूमूर्तिः - गुरूस्वरूप मा ।
(604) गुणनिधि - गुणोंका भण्डार मा ।
(605) गोमाता - कामधेनु स्वरूप मा ।
(606) गुहजन्मभूः - कार्तिकस्वामीको जन्म देनेवाली मा जिनका अंश है वह मा ।
(607) देवेशी - देवताओंकी ईश्वरी मा ।
(608) दण्डनीतिस्था - भक्तोंको सुधारनेके लिये उसको उसके अपने प्रारब्ध अनुसार दण्ड देकर उसको नीतिकी राहपि लानेवाली मा ।
(609) दहराकाशरूपिणी - हृदयमे स्थित सुक्ष्म आकाशरूपी मा ।
(610)प्रतिपन्मुख्यराकान्ततिथिमण्डलपूजिता - मासके प्रतिपदा तिथीसे अमावस्या तिथीतक ( विविध देवताओंके स्वरूपमे ) पुजने जानेवाली मा ।
(611) कलात्मिका - सब कलाओंकी आत्मा मा ।
(612) कलानाथा - सब कलाओंकी  स्वामिनी मा ।
(613)काव्यालापविनोदिनी - अपने भक्तोंको काव्यालाप विनोदसे बहलानेवाली मा ।
(614) सचामररमावाणीसव्यदक्षिणसेविता - दायी ओर लक्ष्मी और बायी ओर सरस्वती पंखोंसे हवा चलानेकी सेवा करनेके लिये स्थत है वह मा ।
(615) आदिशक्तिः - विश्वको रचनेवाली सबसे पहले शक्तिके स्वरूपमे मा ।
(616) अमेया - न नापी जानेवाली मा ।
(617) आत्मा - हर एक जीवमें आत्मस्वरूपमे स्थित मा ।
(618) परमा - सबसे परे मा ।
(619) पावनाकृतिः - पावन आकृति वाली मा । जिनके आकृतिके दर्शनमात्रसे मनुष्य पावन हो जाता है वह मा ।
(620) अनेककोटिब्रहृ्माण्डजननी - अनेक कोटि ब्रह्माण्डोंकी जननी मा ।
(621) दिव्यविग्रहा - दिव्य शरीरवाली मा ।
(622) क्लींकारी - क्लीं इस बीज मन्त्रके जपनेसे साधकका  कल्याण करनेवाली मा ।
(623) केवला - केवल एक ही मा ।
(624) गुह्या - कोई  ज्ञानी भी जिनका पार नही पा सकता वह मा ।
(625) कैवल्यपददायिनी - कैवल्य ( आखरी मुक्ति ) प्रदान करनेवाली मा ।
(626) त्रिपुरा - भिन्न भिन्न त्रिपुटीयोंकी ( जैसे कि ब्रह्मा, विष्णु महेश यह  देवताओंकी त्रिपुटी, सत्व, रज, तम यह गुणोंकी त्रिपुटी इस प्रकार  अनेक त्रिपुटीयोंकी  मा ।
(627) त्रिजगवन्द्या - तीन प्रकारके जगतोंसे ( स्वर्ग, भुमी, पाताल)  वन्दित मा ।
(628) त्रिमूर्तिः - ब्रह्मा, महेश और विष्णुरुप मा ।
(629) त्रिदशेश्वरी - जाग्रृत, स्वप्न और निद्रा इन दशाओंकी ईश्वरी मा ।
(630) त्र्यक्षरी - तीन अक्षरोंका ( अ,उ,म  या  बीज मन्त्र एें, ह्रीं, क्लीं  इन अक्षरोंके रूमे मा ।
(631) दिव्यगन्धाढ्या - जिनमें दिव्य सुगन्ध स्थित है वह मा ।
(632) सिन्दूरतिलकांचिता - गजकी गतिवाली स्त्रीयोंसे पूजित मा ।
(633) उमा - पार्वतीके स्वरूपमे मा ।
(634) शैलेन्द्रतनया - हिमालयकी बेटी मा ।
(635) गौरी - गौरी शक्ती रूप मा ।
(636) गन्धर्वसेविता - गंधर्वोंसे सेवित मा ।
(637) विश्वगर्भा - अनेक विश्वोंको अपने गर्भमे धारण करनेवाली मा ।
(638) स्वर्णगर्भा - सुवर्णके अण्डोंके रुपमे विश्वोंको धारण करनेवाली मा ।
(639) अवरदा - सुख दुख्ख, पाप पुण्य का वरदान देनेवाली मा ।
(640) वागधीश्वरी - भाषाकी देवी सरस्वतीके रुपमे मा ।
(641) ध्यानस्था - ध्यानसे मिलनेवाली मा ।
(642) अपरिच्छेद्या - कार्यकारण सम्बनध, भुत भविष्य और वर्तमानके भेद, स्थल और अवकाशके अन्तर, इन तीनोंसे  परे मा ।
(643) ज्ञानदा - ज्ञान प्रदान करनेवाली मा ।
(644) ज्ञानविग्रहा - मूर्तिमंत ज्ञानस्वरूप मा ।
(645) सर्ववेदान्तसंवेद्या -सब वेदोमें नेती नेती इस प्रकारसे वर्णित मा ।
(646) सत्यानंदस्वरूपिणी - सत्य और आनंद स्वरूप मा ।
(647) लोपामुद्रार्चिता - अगस्त्य ऋषीकी पत्नी लोपामुद्राने जिनकी आराधना की है वह मा ।
(648) लीलाक्लृप्तब्रह्माण्डमंडला - खेल खेलमेही ब्रहमाण्डकी रचना करनेवाली मा ।
(649) अदृश्या - अदृश्य है वह मा  , केवल अपनी ईच्छामात्रसे वह अपने भक्तोंको अपना दर्शन करा देती है वह मा ।
(650) दृश्यरहिता -खुली बातसे भक्तको विमुख रखकर,भक्तको कर्तापनमे ( मै करता हूं ) - इस
 अभिमानके भ्रममें डालके, मजा देखनेवाली मा ।
(651) विज्ञात्री - अनुभव सिध्दि ज्ञान देनेवाली मा । सबकुछ जाननेवाली मा ।
(652) वेद्यवर्जिता - जाननेयोग्य जो कुछभी है , उससे भी परे मा ।
(653) योगिनी  - भक्तोंको आपसमे और अपनेमे मेल करानेवाली मा ।
(654) योगदा - योग देनेवाली मा ।
(655) योग्या - योगका सार मा ।
(656) योगानन्दा - योगका आनंद देने वाली मा ।
(657) युगंधरा - भक्तोंका बोजा  उठानेवाली मा ।
(658) इच्छाशक्तिज्ञानशक्तिक्रियाशक्तिस्वरूपिणी - इच्छा, ज्ञान और क्रिया इन शक्तियोंका स्वरूप मा ।
(659) सर्वधारा - सबका आधार मा ।
(660) सुप्रतिष्ठा - भक्तोंको किर्ती देनेवाली और भक्तिमें स्थिर रखनेवाली मा ।
(661) सदसद्रुपरूपधारिणी - सत् और असत् रूप धारण करनेवाली मा ।
(662) अष्टमूर्ति - पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश, मन, बुध्दी और अहंकार आठ तत्वोंका स्वरूप मा ।
(663) अजाजैत्री - भक्तोंको अविद्या पर विजय पानेकी शक्ति देनेवाली मा ।
(664) लोकयात्राविधायिनी - चौदह लोकोंकी यात्राकी पथदर्शक मा ।
(665) एकाकिनी - एक ही एक मा ।
(666) भुमरूपा - सब वस्तुओंका संग्रहरूप मा ।
(667) निर्द्वैता - द्वैत रहित मा ।
(668) द्वैतवर्जिता - द्वैतसे परे मा ।
(669) अन्नदा - अन्न देनदवाली मा ।
(670) वसुदा - दौलत देनेवाली मा ।
(671) वृध्दा - सबसे वृध्द ( सबसे पहली ) मा ।
(672) ब्रह्मात्म्यैक्यस्वरूपिणी - ब्रह्मा और जीवकी एकता करनेवाली मा ।
(673) बृहति  - महान शक्तिशाली मा ।
(674) ब्राह्मणी - ब्राह्मणस्वरूप पूर्ण सात्विक मा ।
(675) ब्राह्मी - ब्रह्मके स्त्रीलिंगके नामसे नामसे कही जानेवाली मा ।
(676) ब्रह्मानंदा - ब्रह्मका आनंद देनेवाली मा ।
(677) बलिप्रिया - बलवानोंकी प्रिय मा ।
(678) भाषारूपा - सब भाषाओंका रुप ।
(679) बृहत्सेना - महान शक्तिशाली सेनावाली मा ।
(680) भावाभावविवर्जिता - स्थिति = अस्ति और नास्ति से परे मा ।
(681) सुखाराध्या - सुखसे आराधना करनेपरभी प्रसन्न होनेवाली मा ।
(682) शुभकरी - शुभ करनेवाली मा ।
(683) शोभनासुलभागति - भक्तोंको सुलभगति देनेवाली मा ।
(684) राजराजेश्वरी - बडेसे बडे राज्योंकी राणी मा ।
(685) राज्यदायिनी - राज्य प्रदान करनेवाली मा ।
(686) राज्यवल्लभा - भक्तोंको राज्यवल्लभ बनानेवाली मा ।
(687) राजत्कृपा - दया से दैदीप्यमान मा ।
(688) राजपीठनिवेशितनिजाश्रिता - अपने आश्रितोंको राजगद्दीपर बिठानेवाली मा ।
(689) राज्यलक्ष्मी - राज्यलक्ष्मी का रूप और लक्ष्मी देनेवाली मा ।
(690) कोशनाथा -विश्वके सभी भण्डारोंकी मालिक मा ।
(691) चतुरंगबलेश्वरी - चार प्रकारकी सेनाओंपर अधिपत्य रखनेवाली मा ।
(692) साम्राज्यदायिनी - साम्राज्य देनेवाली मा ।
(693) सत्यसंधा - सत्यकी तरफदारी करनेवाली मा ।
(694) सागरमेखला - सागरसे घिरी हुई मा । सागर जिनके कमरमें बन्द है वह मा ।
(695) दीक्षिता - भक्तोंको दीक्षा देनेवाली मा ।
(696) दैत्यशमनी - दैत्योंका पराजय करनेवाली मा ।
(697) सर्वलोकवशंकरी - सभी लोकोंको वशमे करनेवाली मा ।
(698) सर्वार्थदात्री - सर्व कामनाओंकी सिध्दी देनेवाली मा ।
(699) सावित्री - ब्रह्माकी पत्नी सावित्री जिनका अंश है वह मा ।
(700) सच्चिदानन्दरूपिणी - सत् , चित और आनंद का रूप मा ।

यह ललिता सहस्रनाम भाष्य संतश्रेष्ठ श्री माईजी महाराजकी लिखी हुई पुस्तकोंकी आधारसे किया है । पता - माई निवास मंदीर, सरस्वती रस्तेके अंतिम भागमें स्थित, सांता क्रुझ ( पश्चिम ), मुम्बई 400054 भारत
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